किडनी (Kedney) साफ करने के तरीके जानने से पहले ये जान लेना जरूरी है कि किडनी (Kedney) खराब होने के क्या क्या लक्षण है
तो आए जानते है कुछ लछण
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- थकान और कमजोरी
- सूजन आना
- मूत्र में बदलाव
- पेट और कमर मे दर्द
- त्वचा में खुजली और सूजन
- भूख का काम लगना और उल्टी आना
- सांस का छोटा होना
- ब्लड प्रेशर
- चक्कर आना
- मुंह में मैटेलिक स्वाद और सांस में बदबू आना
केडनी(Kedney) को सुरक्षित करने के लिए लोग प्राचीन समय से ही प्रकृति के साथ जीवन जीते आए हैं। केडनी शरीर का एक महत्वपूर्ण पूर्ण अंग है जो खून को साफ करने और शरीर से गंदे पत्थरों को बाहर निकालने का काम करता है। अगर हमारी हालत स्वस्थ है, तो पूरा शरीर अच्छे से काम करता है। केडनी को स्वस्थ रखने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे और ग्रामीण इलाज बहुत ही लाभदायक होते हैं।
ये घरेलु तरीके आसान हैं और इनमें कोई साइड इफेक्ट नहीं होते। चलिए जानते हैं कुछ उपाय
1. Neembu Pani ka sevan
नींबू का उपयोग करने से किडनी को सुरक्षित करने में मदद करता है। नींबू में विटामिन सी होता है, जो केडनी में पथरी बनने से रुकता है और शरीर के जहरीला पदार्थ बाहर निकलने में मदद करता है। हर दिन एक गिलास गरम पानी में एक नींबू निचोड़ कर पीना फ़ायदेमंद होता है।
2. Kakdi aur tarbooz ka sevan
ककड़ी और तरबूजमें में, पानी से भरपुर मात्रा में होते हैं, जोkedney की सफाई के लिए बेहतर होते हैं। तरबूज से प्राकृतिक तौर पर केडनी को हाइड्रेट रखा जाता है और उसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट केडनी की सफाई करते हैं। गाँव में लोग तरबूज़ और ककड़ी का सेवन गर्मियों में करते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करता है।
3. Muli ka ras
मूली के रस का इस्तमाल भी केडनी के लिए लाभदायक माना जाता है। मूली मूत्रवर्धक होती है, यानी कि ये शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाकर केडनी को और अच्छी तरह से काम करने में मदद करती है। गांव के लोग मूली का रस निकाल कर सुबह खाली पेट पीने की सलाह देते हैं।
4. Ajwain aur jeera pani
अजवाइन और जीरा, दोनों ही पाचन के लिए अच्छे होते हैं और केडनी की सफाई का काम करते हैं। अजवाइन और जीरे को रात भर पानी में भीगो कर रख दो, और सुबह इस पानी को छान कर पीना फ़ायदेमंद होता है। ये बहुत लोकप्रिय है, जो केदनी से टॉक्सिन्स को निकालने में मदद करता है।
5. Tulsi ke patto ka sevan
तुलसी के पत्तों से लेकर प्राचीन समय तक औषधि के रूप में इस्तमाल किए जा रहे हैं। गांव के लोग तुलसी के पत्तों का रस निकाल कर या उससे चाय बना कर रोज सुबह पीते हैं। तुलसी केडनी के लिए अच्छी होती है और उसे केडनी के पत्थर तोड़ने में भी मदद मिलती है।
6. Narangi ka ras
नारंगी या संतरे का रस भी सफाई में मदद करता है। गांव में लोग नारंगी का सेवन करके अपनी केडनी को स्वस्थ रखते हैं। ये रस विटामिन सी से भरपूर होता है, जो केडनी को डिटॉक्सिफाई करता है और शरीर से विशेष पदार्थ निकलने में मददगार होता है।
7. Sauf ka pani
सौंफ का पानी बनाया जाता है, जो केदनी के लिए लाभदायक होता है। इस केदनी के रास्ते से खतरा (संक्रमण) दूर हो जाता है। सौंफ को पानी में उबाल कर पीने से केडनी के टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। केडनी के लिए बहुत ही फ़ायदेमंद होता है। सौंफ, यानि सौंफ के बीज, में ऐसे गुण होते हैं जो शरीर की सफाई और केडनी के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। गाँव में इस आम तौर पर इस्तमाल किया जाता है। सौंफ एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक होता है, यानी कि ये शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ाता है और मूत्र के मध्यम से जहरीला पदार्थ (विषाक्त पदार्थ) केदनी से बाहर निकलता है। ये केदनी की सफ़ाई में मदद करता है और उन्हें सूझन से बचाता है। सौंफ का पानी केडनी में पथरी बनने के खतरे को कम करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गन होते हैं जो पथरी बनने से रोकने में मदद करते हैं। केडनी संक्रमण से बचने के लिए सौंफ का पानी फ़ायदेमंद होता है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल गन होते हैं जो किडनी और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) को दूर करते हैं। ये संक्रमणों को होने से रोकता है और केडनी को स्वस्थ बनाये रखता है। सौंफ का पानी पचाक क्रिया को सुधारने में मदद करता है, जो सीधा भोजन की सेहत पर असर करता है। अगर पेट अच्छे से काम करेगा तो केडनी पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा, और वो आसन से शरीर से गंदे पदार्थ निकल पायेगी।
केडनी की देखभाल का महत्व- केडनी को स्वस्थ रखना हमारे समस्त शरीर के लिए अत्यंत अवसर है। प्राकृतिक और घरेलू उपाय, जैसे सौंफ का पानी, तुलसी के पत्ते, और नींबू पानी जैसे तरीके, ना सिर्फ केडनी को सुरक्षित रखने में मददगार होते हैं, बल्कि शरीर को डिटॉक्सिफाई करते हुए समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ाते हैं। हमेशा याद रखें, अपनी जीवनशैली में सुधार करें, स्वस्थ आहार अपनाएं, और अधिक से अधिक पानी पीने से आप अपनी केडनी को स्वस्थ रख सकते हैं। अगर कभी भी बिमारियों के लक्षण दिखाई देते हैं, तो समय पर डॉक्टर की सलाह लेना अत्यंत अवसर है।